CAA को लेकर पूरे भारत देश में विवाद का माहौल बना हुआ है। CAA (नागरिकता संशोधन कानून, 2019) कुछ समय पहले भी चर्चा का विषय बना हुआ था। फिलहाल सरकार ने पूरे देश में CAA को लागू करने का विचार बनाया है।
जानकारी अनुसार, कुछ वक्त पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था। कि, CAA जल्द ही देशभर में लागू किया जाएगा।
CAA will be implemented within 7 days in India, everything in place, claims Bengal BJP MP & Union Minister Shantanu Thakur pic.twitter.com/jcDvtAPBJ8
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) January 28, 2024
CAA क्या है?
CAA नागरिकता संशोधन कानून है CAA (Citizenship Amendment Act) पहले CAB (Citizenship Amendment Bill) था लेकिन राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद यह कानून CAA act हो गया। प्रत्येक कानून को एक विधेयक (bill) के रूप में संसद में पेश किया जाता है और मंजूरी मिलने पर यह एक अधिनियम (act) बन जाता है।
यह कानून तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के गैर हिंदुस्तानी लोगो को भारतीय नागरिकता प्राप्त कराने हेतु लागू किया जाएगा। यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगो के लिए है जो भारत में कई सालो से रह रहे हो। फिर भी भारतीय मूल नागरिकता प्रमाण ना हो।
CAA कानून से किसी भी भारतीय की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही कोई हानि होगी।
इतना ही नहीं भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों को इस नागरिकता कानून से कोई खतरा नहीं है।
CAA के लिए आवेदन कब किया गया?
भारत में CAA को लेकर भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को आवेदन किया गया। जिसके पक्ष में 125 वोट मिले, और विपक्ष में 105 वोट। पक्ष की वोट अधिक होने के आधार पर राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर को CAA लागू करने को मंजूरी दे दी।
CAA पर इतना विवाद क्यों?
जानकारी अनुसार, CAA अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से विशिष्ट धार्मिक समुदायों (हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी) लोगो को भारतीय नागरिकता देने के लिए लागू किया जा रहा है। पर विपक्षी लोगो का कहना है की इनमे मुस्लिम समुदाय के लोगो की सूची नही होगी, जिससे मुस्लिम समुदाय में काफी आक्रोश है। जिस कारण CAA पर शुरू से बवाल देखने को मिल रहा है।
जानकारी मिली है की लगभग 1 हफ्ते में CAA एक्ट को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।