वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद पर अब कोर्ट ने फैसला सार्वजनिक करते हुए कहा कि मौजूदा मस्जिद को मंदिर तोड़ कर बनाया गया।
ये फैसला ASI की रिपोर्ट पर आधारित है जानकारी अनुसार, साल 2023 में जब ज्ञानवापी पर कोर्ट ने ASI को मामले की जांच करने के आदेश दिए तो लगभग 4 महीने के अंतर्गत एएसआई ने अपनी जांच पूरी कर ली जिसने पाया गया की मौजूदा स्थान पर काफी सबूत ऐसे मिले, जो स्पष्ट रूप से दर्शा रहे थे की यहाँ कोई विशाल मंदिर था।
The best animated explanation video on #Gyanvapi . pic.twitter.com/507w15Z5ew
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) January 27, 2024
मौके पर मिले हिंदू देवी देवताओं के अवशेष आखिर क्या दर्शा रहे है। जानकारी प्राप्त है की एएसआई के हाथ लगभग 32 सबूतों की लिस्ट लगी है 839 पन्नो की सूची पक्षकारों को सौंप दी गई है।
Unseen photos of Hindus deities from the ASI report of Gyanvapi mosque
Har Har Mahadev 👇🏽 pic.twitter.com/hor0vJyUd8
— Sheetal Chopra 🇮🇳 (@SheetalPronamo) January 28, 2024
- दीवारों पर कन्नड़ तेलुगु भाषा में श्लोक मिले
- मस्जिद में खड़े पिलर पर स्वस्तिक जैसे चिन्ह मिले
- मस्जिद के ढांचे से कुछ मूर्तियां प्राप्त हुई
- कमल के फूल पर बनी प्रतिमा मिली
- स्तंभ पर त्रिशूल बने मिले
- श्री कृष्ण की खंडित मूर्ति पाईं गई।
- अर्धसर्प और अर्धमानव निर्मित मूर्ति पाईं गई
- पत्थर पर स्पष्ट राम लिखा मिला
- गदा लिए भगवान हनुमान की मूर्ति प्राप्त हुई
- मगरमच्छ की आकृति मिली (मान्यता है की मगरमच्छ मां गंगा की सवारी होती है)
- पत्थर पर देवनागरी में श्री राम लिखा पाया गया
- पिंडनुमा आकृति मे कई पत्थर प्राप्त हुए ।
- मस्जिद की पश्चिमी दीवार प्राचीन मंदिर की बताई गई
- मस्जिद में महामुक्ति मंडप लिखा पाया गया
ज्ञानवापी में कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों के अध्ययन के आधार पर ASI ने कहा कि वर्तमान में बने मस्जिद के निर्माण को मंदिर तोड़ कर किया गया। जिसपर जिला कोर्ट ने अपनी मोहर लगा कर अपने फैसले को दोनो तरफ के पक्षकारों को सौप दिया।